मध्य प्रदेश के रतलाम में, आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति कांतिलाल ने, झूठे गैंगरेप के आरोप में लगभग दो साल जेल में बिताने के बाद, राज्य सरकार और पुलिस से ₹10,000 करोड़ का मुआवजा मांगा है। "जय कुलदेवी फाउंडेशन" के माध्यम से उनके वकील विजय सिंह यादव ने कोर्ट में यह याचिका दायर की है।
कांतिलाल को साल 2021 में एक गैंगरेप के झूठे मामले में फंसाया गया था। इस मामले में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(D), 346, और 120-B के तहत आरोप लगाए गए थे। उन्होंने लगभग 666 दिन जेल में बिताए।
"जय कुलदेवी फाउंडेशन" के प्रयासों से, रतलाम के जिला और सत्र न्यायालय ने 20 अक्टूबर 2022 को कांतिलाल को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
कांतिलाल के वकील विजय सिंह यादव का कहना है कि पुलिस और सरकार की गलती की वजह से उनके मुवक्किल की जिंदगी बर्बाद हो गई।
वकील यादव के अनुसार, "मानव जीवन का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता", लेकिन यह मुआवजा राशि एक संदेश है कि महिलाएं अपने कानूनी अधिकारों का गलत इस्तेमाल न करें। यह मामला अभी इंदौर हाईकोर्ट में MA 5047/2023 विचाराधीन है।
यह मामला वर्तमान में इंदौर हाईकोर्ट में MA 5047/2023 के तहत विचाराधीन है। अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।