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विश्व छायांकन दिवस की शुभकामनाएँ

संस्था विजय सिंह यादव (संस्थापक एवं अध्यक्ष, जय कुलदेवी सेवा समिति रतलाम,सम्पादक , ' जय कुलदेवी ' मासिक समाचार पत्रिका ) के मार्ग दर्शन में इसी क्रम में संस्था द्वारा आयोजित प्रत्येक रविवार निःशुल्क कोचिंग क्लासेस में आये छात्र-छात्राएं को आज विश्व छायांकन दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए बताया की
19 अगस्‍त यानी विश्‍व फोटोग्राफी दिवस। 1841 में आज ही के दिन फ्रांस की सरकार ने फोटोग्राफी को पूरे विश्‍व के लिये तोहफे के रूप में घोषित किया था। फोटोग्राफी का अविष्‍कार नाइसफोरे नाइस और लुइस डेगुरे ने किया था। फोटो क्लिक करने के बाद धुलना और फिर कागज़ पर उतारना इस पद्धति को 9 जनवरी 1939 में फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंस ने मान्‍यता दी। इस पद्धति को डगुरियोटाइप कहा जाता था।
उसके बाद 1839 में विलियम फॉक्‍स टैलबट ने कैलोटाइप फोटोग्राफी का अविष्‍कार किया, जो 1841 में सुर्खियों में आयी। 170 साल बाद 19 अगस्‍त को विश्‍व फोटोग्राफी दिवस के रूप में चुना गया। 2009 में ऑस्‍ट्रेलिया के कोर्स्‍के अरा ने विश्‍व फोटोग्राफी दिवस मनाना शुरू किया। 21 वर्षीय कोर्स्‍के के इस मिशन को कामयाब बनाया गया इसी दिन 2010 को, जब पहली ग्‍लोबल ऑनलाइन गैलरी लॉन्‍च हुई, जिसमें पूरी दुनिया की 270 चुनिंदा तस्‍वीरें शामिल की गईं।
इस संसार में प्रकृति ने प्रत्येक प्राणी को जन्म के साथ भी एक कैमरा दिया है जिससे वह संसार की प्रत्येक वस्तु की छवि अपने दिमाग में अंकित करता है। वह कैमरा है उसकी आँख। इस दृष्टि से देखा जाए तो प्रत्येक प्राणी एक फोटोग्राफर है। वैज्ञानिक तरक्की के साथ-साथ मनुष्य ने अपने साधन बढ़ाना प्रारंभ किया और अनेक आविष्कारों के साथ ही साथ कृत्रिम लैंस का भी आविष्कार हुआ। समय के साथ आगे बढ़ते हुए उसने इस लैंस से प्राप्त छवि को स्थायी रूप से सहेजने का प्रयास किया। इसी प्रयास की सफलता वाले दिन को अब हम विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में मनाते हैं।